बुधवार, 11 अगस्त 2010

हर हर महा देव

आगे                                                                                                                           

भगवान शिव के १०८ नाम

  1. शिव - कल्याण स्वरूप
  2. महेश्वर - माया के अधीश्वर
  3. शम्भू - आनंद स्स्वरूप वाले
  4. पिनाकी - पिनाक धनुष धारण करने वाले
  5. शशिशेखर - सिर पर चंद्रमा धारण करने वाले
  6. वामदेव - अत्यंत सुंदर स्वरूप वाले
  7. विरूपाक्ष - भौंडी आँख वाले
  8. कपर्दी - जटाजूट धारण करने वाले
  9. नीललोहित - नीले और लाल रंग वाले
  10. शंकर - सबका कल्याण करने वाले
  11. शूलपाणी - हाथ में त्रिशूल धारण करने वाले
  12. खटवांगी - खटिया का एक पाया रखने वाले
  13. विष्णुवल्लभ - भगवान विष्णु के अतिप्रेमी
  14. शिपिविष्ट - सितुहा में प्रवेश करने वाले
  15. अंबिकानाथ - भगवति के पति
  16. श्रीकण्ठ - सुंदर कण्ठ वाले
  17. भक्तवत्सल - भक्तों को अत्यंत स्नेह करने वाले
  18. भव - संसार के रूप में प्रकट होने वाले
  19. शर्व - कष्टों को नष्ट करने वाले
  20. त्रिलोकेश - तीनों लोकों के स्वामी
  21. शितिकण्ठ - सफेद कण्ठ वाले
  22. शिवाप्रिय - पार्वती के प्रिय
  23. उग्र - अत्यंत उग्र रूप वाले
  24. कपाली - कपाल धारण करने वाले
  25. कामारी - कामदेव के शत्रु
  26. अंधकारसुरसूदन - अंधक दैत्य को मारने वाले
  27. गंगाधर - गंगा जी को धारण करने वाले
  28. ललाटाक्ष - ललाट में आँख वाले
  29. कालकाल - काल के भी काल
  30. कृपानिधि - करूणा की खान
  31. भीम - भयंकर रूप वाले
  32. परशुहस्त - हाथ में फरसा धारण करने वाले
  33. मृगपाणी - हाथ में हिरण धारण करने वाले
  34. जटाधर - जटा रखने वाले
  35. कैलाशवासी - कैलाश के निवासी
  36. कवची - कवच धारण करने वाले
  37. कठोर - अत्यन्त मजबूत देह वाले
  38. त्रिपुरांतक - त्रिपुरासुर को मारने वाले
  39. वृषांक - बैल के चिह्न वाली झंडा वाले
  40. वृषभारूढ़ - बैल की सवारी वाले
  41. भस्मोद्धूलितविग्रह - सारे शरीर में भस्म लगाने वाले
  42. सामप्रिय - सामगान से प्रेम करने वाले
  43. स्वरमयी - सातों स्वरों में निवास करने वाले
  44. त्रयीमूर्ति - वेदरूपी विग्रह करने वाले
  45. अनीश्वर - जिसका और कोई मालिक नहीं है
  46. सर्वज्ञ - सब कुछ जानने वाले
  47. परमात्मा - सबका अपना आपा
  48. सोमसूर्याग्निलोचन - चंद्र, सूर्य और अग्निरूपी आँख वाले
  49. हवि - आहूति रूपी द्रव्य वाले
  50. यज्ञमय - यज्ञस्वरूप वाले
  51. सोम - उमा के सहित रूप वाले
  52. पंचवक्त्र - पांच मुख वाले
  53. सदाशिव - नित्य कल्याण रूप वाले
  54. विश्वेश्वर - सारे विश्व के ईश्वर
  55. वीरभद्र - बहादुर होते हुए भी शांत रूप वाले
  56. गणनाथ - गणों के स्वामी
  57. प्रजापति - प्रजाओं का पालन करने वाले
  58. हिरण्यरेता - स्वर्ण तेज वाले
  59. दुर्धुर्ष - किसी से नहीं दबने वाले
  60. गिरीश - पहाड़ों के मालिक
  61. गिरिश - कैलाश पर्वत पर सोने वाले
  62. अनघ - पापरहित
  63. भुजंगभूषण - साँप के आभूषण वाले
  64. भर्ग - पापों को भूंज देने वाले
  65. गिरिधन्वा - मेरू पर्वत को धनुष बनाने वाले
  66. गिरिप्रिय - पर्वत प्रेमी
  67. कृत्तिवासा - गजचर्म पहनने वाले
  68. पुराराति - पुरों का नाश करने वाले
  69. भगवान् - सर्वसमर्थ षड्ऐश्वर्य संपन्न
  70. प्रमथाधिप - प्रमथगणों के अधिपति
  71. मृत्युंजय - मृत्यु को जीतने वाले
  72. सूक्ष्मतनु - सूक्ष्म शरीर वाले
  73. जगद्व्यापी - जगत् में व्याप्त होकर रहने वाले
  74. जगद्गुरू - जगत् के गुरू
  75. व्योमकेश - आकाश रूपी बाल वाले
  76. महासेनजनक - कार्तिकेय के पिता
  77. चारुविक्रम - सुन्दर पराक्रम वाले
  78. रूद्र - भक्तों के दुख देखकर रोने वाले
  79. भूतपति - भूतप्रेत या पंचभूतों के स्वामी
  80. स्थाणु - स्पंदन रहित कूटस्थ रूप वाले
  81. अहिर्बुध्न्य - कुण्डलिनी को धारण करने वाले
  82. दिगम्बर - नग्न, आकाशरूपी वस्त्र वाले
  83. अष्टमूर्ति - आठ रूप वाले
  84. अनेकात्मा - अनेक रूप धारण करने वाले
  85. सात्त्विक - सत्व गुण वाले
  86. शुद्धविग्रह - शुद्धमूर्ति वाले
  87. शाश्वत - नित्य रहने वाले
  88. खण्डपरशु - टूटा हुआ फरसा धारण करने वाले
  89. अज - जन्म रहित
  90. पाशविमोचन - बंधन से छुड़ाने वाले
  91. मृड - सुखस्वरूप वाले
  92. पशुपति - पशुओं के मालिक
  93. देव - स्वयं प्रकाश रूप
  94. महादेव - देवों के भी देव
  95. अव्यय - खर्च होने पर भी न घटने वाले
  96. हरि - विष्णुस्वरूप
  97. पूषदन्तभित् - पूषा के दांत उखाड़ने वाले
  98. अव्यग्र - कभी भी व्यथित न होने वाले
  99. दक्षाध्वरहर - दक्ष के यज्ञ को नष्ट करने वाले
  100. हर - पापों व तापों को हरने वाले
  101. भगनेत्रभिद् - भग देवता की आंख फोड़ने वाले
  102. अव्यक्त - इंद्रियों के सामने प्रकट न होने वाले
  103. सहस्राक्ष - अनंत आँख वाले
  104. सहस्रपाद - अनंत पैर वाले
  105. अपवर्गप्रद - कैवल्य मोक्ष देने वाले
  106. अनंत - देशकालवस्तुरूपी परिछेद से रहित
  107. तारक - सबको तारने वाला
  108. परमेश्वर - सबसे परे ईश्वर

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