narayan narayan
गीता जी - कभी की लिखी खुद की पंक्तियों के माध्यम से बस यही कह सकता हूँ कि-नहीं समस्या धर्म जगत में उपदेशक है जड़ उलझन की।धर्म तो है कर्तव्य आज का पर गाते वे राग पुराने।।सादरश्यामल सुमनwww.manoramsuman.blogspot.com
yah dharm naheen, sanaatan to bilkul naheen. dukaanen hain.
narayan narayan
जवाब देंहटाएंगीता जी - कभी की लिखी खुद की पंक्तियों के माध्यम से बस यही कह सकता हूँ कि-
जवाब देंहटाएंनहीं समस्या धर्म जगत में उपदेशक है जड़ उलझन की।
धर्म तो है कर्तव्य आज का पर गाते वे राग पुराने।।
सादर
श्यामल सुमन
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yah dharm naheen, sanaatan to bilkul naheen. dukaanen hain.
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