मीठा शीतल जल वाला यह प्याऊ जहाँ आ कर हर कोई अपनी प्यास बुझा सकता है |
मन्दिर-मस्जिद -गुरदवारे-चर्च में नही होते कभी धर्म चारों इक्ठे --यही वो स्थान है
जहाँ सब मिल कर ---प्यास बुझाते
जहां चारों धर्म एक साथ मिल-बेठें गे
हो कर मजबूर भगवान
खुद वहाँ पधारें गे
धर्म नही सिखाता
आपस में बैर करना
जो दें शिक्षा ऐसी
उनको बाय-बाये
ही कहना
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