कोई कहे राम-राम
खोजो कमजोरियां अपनी
बहाने ढूंडने वालो
बिना मतलब के झगडों ने
मुहबत की महक हे लुटी
पथर को पूजो गे
तभी तो बने गी मूर्ति
बिना तप के पथर
पथर ही रह जाता हे
जेसा स्वरूप निकलवाता खुदा
पथर तराशने वाले के दिमाग से
यही कारण हे बडा
पथर को मूर्ति बनाने में
बिना मूर्ति जो करते पूजा
उनके जेहन में जो स्वरूप होता हे
उनका वही खुदा होता हे
वही मूर्त होती उस खुदा की
उस के लिए
भीन-भिन स्वरूप होते इस के
इस लिए मूर्ति खुदा की एक नही होती
ऐसा इसी लिए कहा जाता हे
मका -मदीना में करते तुम इबादत
जिस पथर को आगे रख के
क्या कहता हुई उस हिन्दू से
जिसे उसमे अपना शंकर नजर आता हे
बहारों की उमीद नही
विराना ढून् ड़नेवालों से
हकीकत क्यों नही समझते
तुम फसाना ढून ड़ने वालो
खुदा नही होता किसी एक का
सुन लो ऐ जमाने वालो
ज्ञान की नही कमी तुम में
ज्ञान को ताला मत लगावो
काफिर कहलाने वालो
बदलते वक्त पर बरसतीं लाठियाँ खुदा की
तुने भी तो देखीं हें अफगान में
हे मूर्तियों का अपमान करने वालो
ईश्वर की पहिचान हे यही
सच का सामना करलो
सत्य ही ईश्वर हे
ऐसा किताबों में लिखा हे
केसी होगी मूर्ति सचकी
समझ में तभी आया
सच को जब झेलना सिख पाया |
दरगाह
अजमेर
भाई साहिब इस्लाम एकेश्वरवाद का धर्म है इसमें कभी किसी से मांगा नहीं जाता। केवल एक ईश्वर की पूजा की जाती है।
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