शनिवार, 24 अक्तूबर 2009

आओ मेरे दोस्तों


बहने भी इबादत की तयारी में
कलयुग में हर धर्म की महिलाएं
धार्मिक कार्यों में सबसे आगे हें
सेवा भावना इतनी की घर को सवारें
या
न सवारें शोहर की बात माने
या
ना माने पति को बिना नाश्ता दिए भी
धर्म स्थान जाने को तयार रह तीं हैं
क्या शोहर की इबादत से बडी कोई इबादत ओरत के लिए हे ?
हिन्दू सनातन धर्म पति को परमेश्वर बताता हे

1 टिप्पणी:

  1. पति की सेवा करनी है पर पूजा पति की नहीं प्रमेश्वर की करनी है। पहचानें अपने ईश्वर को हमारे ब्लौग पर

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