मंगलवार, 20 अक्तूबर 2009

मूर्ति


मूर्ति मन्दिर में हो
या हो चोराहे पर
घर में हो या बाग़ -बगीचे में
छोटी हो या हो बडी
ध्यान आकर्षित करती सभी का अपनी और
यही नियम सनातन का
भगवान आकर्षित कर अपनी और
अपनी पूजा करवा लेते
कण-कण में वास उनका
कर कृपा अपनी
मन मन्दिर
बना देते

1 टिप्पणी:

  1. न तस्य प्रतिमास्ति उस ईश्वर की कोई मुर्ति नहीं बन सकती

    तो फिर इन मुर्तियों के पूजा से क्या लाभ

    धर्म का सही ज्ञान प्राप्त करना है तो हमारे ब्लौग का दर्शन करें।

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