मूलरूप में सनातन धर्म ही हिन्दू, मुसलमान ,सिख ,इसाई ही है |फिर इस का धर्म ऊँचा उनका नीचा ऐसा क्यों ?
खुदा कोई मुर्ख प्राणी नही है ,जब भी कोई मनुष्य जन्म लेता है .वह हिन्दू की ही निशानी ले कर पैदा होता है |
फिर पारिवारिक संस्कारों द्वारा मुसलमान ,सिख या इसाई हुआ करता है |
कोंन ऊँचा -कोन नीचा कोंन धर्म विरोधी
कोंन धर्म का/कैसे निर्धारण किया जावे गा या इसी को मुदा बना इन चारों को लडाया जाता रहे गा ?
खाना - पीना ,सोना - जागना साँस लेना और दुनिया छोड़ चल देना इतना ही नही कहीं अलग जगहा नही एक ही जगहा जाना है |
तो एक से नियम जो चारों धर्मों को आपस में जोड़ते हैं का प्रचार प्रसार कर सनातन धर्म की हिफाजत का उपाय क्यों ना किया जावे जेसे
१ चोरी करना पाप
२ झूठ बोलना पाप
३ व्य्य्भिचार पाप
४ बड़ों का आदर
५ पड़ोसी से प्रेम
६ देश भगती
7 दुखियों की मदद
८ गरीब के मददगार होना
९ अबल की मदद और सन्मान
१० अपाहिज और दरिद्री का भी सन्मान
प्रभु आज्ञा को आंखें और बुधी को खुली रख कर मानना
क्या यह सनातन धर्म नही है?
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खाना - पीना ,सोना - जागना साँस लेना और दुनिया छोड़ चल देना इतना ही नही कहीं अलग जगहा नही एक ही जगहा जाना है |
तो एक से नियम जो चारों धर्मों को आपस में जोड़ते हैं का प्रचार प्रसार कर सनातन धर्म की हिफाजत का उपाय क्यों ना किया जावे
१ चोरी करना पाप
२ झूठ बोलना पाप
३ व्य्य्भिचार पाप
४ बड़ों का आदर
५ पड़ोसी से प्रेम
६ देश भगती
7 दुखियों की मदद
८ गरीब के मददगार होना
९ अबल की मदद और सन्मान
१० अपाहिज और दरिद्री का भी सन्मान
प्रभु आज्ञा को आंखें और बुधी को खुली रख कर मानना
क्या यह सनातन धर्म नही है?
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