रविवार, 14 फ़रवरी 2010

सनातन धर्म को अपमानित ना करो

वेसे तो सनातन धर्म का अपमान नही हो सकता क्यों की की वह मान समान सुख दुःख में भी वेसे का वेसा ही रहता है नीचे के चित्र को देखो किसी को कुछ और नजर आया था और मुझे क्या नजर आया 
 

पुणे विस्फोट : दो विदेशियों की मौत, 12 जख्मी

पुणे की जर्मन बेकरी में ब्लास्ट, नौ की मौत

 

पुणे में आतंकी ब्लास्ट, 10 मरे, 53 घायल

 

 













 
 
 
भगवान रजनीश की फोटो सुरक्षित रही 
पर वह अपने शिष्यों  को नही बचा पाए 
क्या शिष्यों का दुर्भाग्य रहा की उन्हों 
ने ऐसा ऐसा गुरु बनाया जो मुसीबत में काम नही आया ?
अथवा और कुछ?



boletobindas ने कहा…
ऐसा कुछ नहीं...सनातन धर्म के ज्ञानी को ऐसी बात शोभा नहीं देती....ये एक मानद त्रासदी है जिसमें मारने वाला किसी धर्म का नहीं....भगवान कुष्ण ने सभी यदुवंशियों को आपस में भिड़वा कर मौत के आगोश में भिजवा दिया था..क्यों..ये आपको पता ही है...
हाँ मित्र शयद आप ने सत्य ही कहा है | भगवान कृष्ण ने कुछ ऐसा ही किया था | शयद आप को जानकारी न हो या अज्ञानता ने ढंक लिया हो कि समर्थवान को नही कोई दोष गोसांई श्री कृष्ण को उन के  समर्थवान होने से ही तो भगवान  कहा जाता है | क्या भगवान ने इंद्र के कोप से बचाने को गोवर्धन पर्वत नही उठा लिया था ? परन्तु आचारीय रजनीश को भी उन के अनुयाई भगवान ओशो  मानते हैं , भगवान के रह ते ऐसी घटना अवश्य ही किसी अप्रिय कर्म कि और इंगित करती प्रतीत होती है . 
कृष्ण और द्रौपदी के बीच 'गलत' रिश्ता बताने पर विवाद
 बीजेपी ने राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल का ध्यान एक ऐसी किताब की ओर आकर्षित किया है जिसमें श्रीकृष्ण और दौपदी के बीच संबंधों 
को गलत ढंग से पेश किया गया है और उसे आंध्र प्रदेश साहित्य अकादमी ने 2010 का साहित्य अकादमी पुरस्कार देने की घोषणा की है। 

बीजेपी की राष्ट्रीय महिला मोर्चा प्रभारी सुमित्रा महाजन के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति से मुलाकात कर इस किताब के बारे में जानकारी दी। प्रतिनिधिमंडल का आरोप है कि किताब में द्रौपदी के बारे में अश्लील बातें लिखी गई हैं और उसे वासना की प्रतिमूर्ति बताया गया है। किताब में श्रीकृष्ण का दौपदी के बारे में भी गलत भाव प्रस्तुत किया गया है। सुमित्रा महाजन ने इस किताब को पौराणिक और ऐतिहासिक ग्रंथों पर आघात बताया है।



1 टिप्पणी:

  1. ऐसा कुछ नहीं...सनातन धर्म के ज्ञानी को ऐसी बात शोभा नहीं देती....ये एक मानद त्रासदी है जिसमें मारने वाला किसी धर्म का नहीं....भगवान कुष्ण ने सभी यदुवंशियों को आपस में भिड़वा कर मौत के आगोश में भिजवा दिया था..क्यों..ये आपको पता ही है...

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