मंगलवार, 30 मार्च 2010
झूट का सहारा
इस चित्र को ध्यान से देखें स्वामी जी के चरणों में भगवान जी की फोटुएं सजी हैं और उन से उंचाई पर बैठ कर ढोंगी स्वामी लोगों को ज्ञान बाँट रहा है ,"प्रभु की शरण में जाने को सचे गुरू का होना जरूरी है
बीडी के बंडल पर गणेश की फोटो छपे तो बवाल हिन्दू संस्थाएं मचातीं है पर यहाँ का वातावरण राम माय है ,यही तो स्वामी जी का चमत्कार है या माया है ?गीता को जो आनुभव हुआ सिवा गीता के सभी ने यहाँ स्वामी जी का समर्थन ही किया क्यों की यह स्वामी जी खुद को सचा गुरु कहते हैं ,और प्रभु की शरण इन के बिना नही मिलती .
सभी गण-मान्य सजन यहाँ उपस्थित थे जो धर्म आस्था के नाम पर बड़ चड़ कर आन्दोलन किया करते हैं .साप्ताहिक कथा तक यही दृश्य बना रहा
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