न्यूजर्सी।अमेरिका के एक विश्वविद्यालय में महान धार्मिक ग्रंथ श्रीमदभागवदगीता की पढाई को जरूरी करदिया है | सेटनहाल यूनिवर्सिटी ने जीवन में गीता के महत्व को देखते हुए यह फैसला किया है।
विश्वविद्यालय प्रबंधन का कहना है कि गीता के ज्ञान से छात्र, जीवन की जटिलताओं को सहजता से समझ सकते हैं और इस प्रकार उनमें चुनौतियों से संघर्ष करने की क्षमता विकसित हो सकेगी।
न्यूजर्सीमें 1856में स्थापित स्वायत्त कैथोलिक सेटनहाल विश्वविद्यालय में स्टिलमेनबिजनेस स्कूल के प्रोफेसर एडीअमर ने इस बात की जानकारी दी। उन्होंने इस निर्णय को अपने में अनूठा बताया। इस विश्वविद्यालय में दस हजार आठ सौ छात्रों में से एक तिहाई से ज्यादा गैर ईसाई हैं। इनमें भारतीय छात्रों की संख्या काफी ज्यादा है।
फैसले के पीछे प्रमुख भूमिका निभाने वाले प्रोफेसर अमर ने कहा कि विश्वविद्यालय में कोर कोर्स के तहत सभी छात्रों के लिए अनिवार्य पाठ्यक्रम होता है। इसका अध्ययन सभी विषयों के छात्रों को करना होता है। 2001में विश्वविद्यालय ने विश्व में अपनी अलग पहचान कायम करने के लिए कोर कोर्स की शुरुआत की थी। इसमें छात्रों को सामाजिक जीवन से जुडे सरोकारों से अवगत कराया जाता है ताकि युवा वर्ग को सामाजिक व्यवस्था से सीधे तौर पर जोडा जा सके। प्रोफेसर अमर ने बताया कि इस मामले में गीता का ज्ञान सर्वोत्तम साधन है। इसकी महत्ता को समझते हुए ही विश्वविद्यालय ने सभी छात्रों के लिए इस ग्रंथ का अध्ययन अनिवार्य करने का फैसला किया।
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