बुधवार, 23 दिसंबर 2009

सनातन के हम को कलंकित किया

सत्संगियों और ग्रामीणों में खूनी संघर्ष आगजनीआगरा, जागरण संवाददाता: दयालबाग के सत्संगियों और लालगढ़ी के ग्रामीणों के बीच 48 घंटे पहले भड़की चिंगारी ने मंगलवार को सिकंदरपुर में दावानल का रूप ले लिया। दोनों पक्षों के बीच सुबह 6.30 बजे संघर्ष शुरू हो गया। इसमें कई घंटे तक ताबड़तोड़ गोलियां चलीं। ग्रामीणों ने सत्संगियों की दो जीपों और एक बस को फूंक डाला। आक्रोशित ग्रामीणों ने मौके पर पहुंची पुलिस की जीप के शीशे तोड़ दिए। आमने-सामने के खूनी संघर्ष में दोनों तरफ के लगभग पांच दर्जन लोग घायल हुए हैं, जिनमें से एक की हालत नाजुक है। पूरे दिन दयालबाग क्षेत्र में तोड़फोड़ की अफवाह पर पुलिस दौड़ती रही। हालात काबू करने में प्रशासनिक अमले को पसीने छूट गए। अब गांव को पीएसी के हवाले कर दिया गया है। न्यू आगरा क्षेत्र में दयालबाग सत्संग सभा और चार गांवों के ग्रामीणों के बीच जमीन को लेकर डेढ़ साल से टकराव के हालात चल रहे थे। सत्संग सभा की ओर से बाउंड्री बनाने पर दो दिन पूर्व लालगढ़ी में सत्संगियों के टैंकर को आग के हवाले कर दिया गया था। इसमें लगभग ढाई सौ ग्रामीणों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। इसके विरोध में सोमवार को ग्रामीणों ने एमजी रोड पर प्रदर्शन कर डीआईजी से मुलाकात की, जिसके बाद इन लोगों की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी गई थी। मंगलवार सुबह लगभग साढ़े छह बजे रोज के कार्यक्रम के मुताबिक सत्संगी अपनी गाडि़यों से खेतों में जा रहे थे। सिकंदरपुर के ग्रामीणों ने जैसे ही गाडि़यों में सवार सत्संगियों के पास हथियार देखे, उन्होंने रास्ता रोक लिया। पहले नोंक-झोंक हुई और फिर संघर्ष शुरू हो गए। एकजुट ग्रामीणों ने सत्संग सभा के सचिव गुरमीत सिंह और उनके साथियों को बंधक बना लिया। इसकी खबर लगते ही दयालबाग से बस और जीपों में सवार होकर सत्संगी पूरी तैयारी के साथ सिकंदरपुर पहुंचे। जिला पंचायत सदस्य भूरी सिंह के घर में घुसकर हमला बोल दिया। ग्रामीणों की भीड़ ने भूरी सिंह को बचाकर एक घर में बंद कर दिया। इसके बाद दोनों तरफ से जमकर फायरिंग और पथराव हुआ। घरों में घुसकर महिलाओं और बच्चों के साथ मारपीट की गई। वहीं दोनों तरफ से चल रही फायरिंग में लोग घायल होते
इस दौरान आक्रोशित ग्रामीणों ने सत्संगियों की दो जीपों और बस को आग के हवाले कर दिया। बवाल की खबर लगते ही न्यू आगरा इंस्पेक्टर सुरेशवीर फोर्स और सिटी कंट्रोल टीम के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस को देख ग्रामीण और भड़क गए और रास्ता रोक लिया। किसी तरह घायलों को गांव से निकाला गया। इस दौरान हुए पथराव में पुलिस की जीप के शीशे टूट गए, जिसके बाद पुलिस ने लाठियां चलाईं और ग्रामीणों को खदेड़ दिया। शहर के सभी थानों का फोर्स बुला लिया गया। डीएम एमके नारायण, डीआईजी आदित्य मिश्रा, एडीएम सिटी प्रभांशु श्रीवास्तव, एसपी सिटी उदय प्रताप, सिटी मजिस्ट्रेट शत्रुघ्न सिंह और अन्य अधिकारी भी पहुंच गए। फायर ब्रिगेड की गाडि़यां पहुंचीं, लेकिन तब तक वाहन जल चुके थे। घटना पर काबू पाने के बाद गांव में पीएसी तैनात कर दी गई है। दोनों पक्षों की ओर से न्यू आगरा थाने में तहरीर दी गई है। गंभीर रूप से घायल दो सत्संगियों को दिल्ली रेफर कर दिया गया। एक सत्संगी को वेंटीलेटर पर रखा गया है। शेष का इलाज अलग-अलग अस्पतालों में किया जा रहा है। गांव में स्थिति शांत होने के बाद सूचना आई कि दयालबाग में सत्संगियों ने तोड़फोड़ शुरू कर दी है, इस पर फोर्स दौड़ी, लेकिन वहां कुछ नहीं था। ग्रामीणों की अगुवाई कर रहे बसपा जिला पंचायत सदस्य भूरी सिंह का कहना है कि सत्संगी उन्हें जान से मारने आए थे, लेकिन सफल नहीं हुए। गांव वालों ने उन्हें बचा लिया। सत्संग सभा के अध्यक्ष रिटायर्ड आईएएस प्रेम कुमार से वार्ता की कोशिश की गई, लेकिन सम्पर्क नहीं हो सका। सभा के प्रवक्ता शांति स्वरूप का कहना है कि साजिश के तहत ग्रामीणों ने उनके कार्यकर्ताओं पर हमला बोला और आगजनी की। यदि हमला सत्संगी बोलते तो घायलों में ग्रामीणों की संख्या ज्यादा होती। डीएम और डीआईजी ने कहा कि मामले की जांच कराई जा रही है। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। सत्संगियों की टीम में शामिल थे छात्र : गांव पहुंची सत्संगियों की टीम में दयालबाग संस्थान के छात्र भी शामिल थे। ग्रामीणों के बीच फंसा युवक खुद को दिल्ली से आया हुआ छात्र बताकर छोड़ देने की गुहार लगाता रहा। ग्रामीणों ने उसे पीटने के बाद छोड़ा। संघर्ष में कई छात्र भी घायल हुए हैं।
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सेक्स वर्करों से शादी करेंगे राम रहीम के चेले

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अगर किसी पुरुष से पूछा जाए कि क्या किसी सेक्स वर्कर (वेश्या) से शादी करोगे? तो शायद जवाब ना में होगा। लेकिन आप को यह जान कर हैरानी होगी कि हमारे देश में एक ऐसी फौज खड़ी होने जा रही है जो इनसे शादी करने को तैयार हैं। इनमें बीसीए, एमबीए डिग्रीधारक से लेकर विजनेसमैन तक शामिल हैं। ये उत्साही नौजवान कोई और नहीं, बल्कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख संत गुरमीत राम रहीम के चेले हैं, जिनका मकसद वेश्याओं को इस धंधे से मुक्त कराकर उन्हें नई जिंदगी दिलाना है ताकि वे सम्मान की जिंदगी जी सकें। देश में शायद यह पहला मौका होगा, जब एक नही, दो नही, बल्कि 1200 युवकों ने वेश्याओं से शादी रचाने की इच्छा जताई है। राजधानी दिल्ली में मंगलवार को सेक्स वर्करों से शादी की दावेदारी पेश करने पहुंचे युवकों ने यह बात कह कर लोगों को चौका दिया। खुद संत गुरमीत राम रहीम के प्रवक्ता डा.आदित्य इंसां ने मंगलवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में इसकी बाकायदा घोषणा भी की। उन्होंने बताया कि संत गुरमीत राम राम रहीम का मकसद वेश्यावृत्ति को समाप्त करना है। उनके आहवान पर युवक आगे आ रहे हैं। इंसां के अनुसार, संत राम रहीम के आहवान पर 12 सौ युवकों ने वेश्याओं से शादी करने के लिए हामी भरी है। उनके साथ पंजाब के मजीठा से आए बीसीए कर चुके रितेष, मानसा से आए कंप्यूटर इंजीनियर महेंद्र पाल, हरियाणा के सिरसा से आए एमबीए डिग्री धारक आशीष इंसां थे। उन्होंने इस मौके पर साफ तौर पर कहा कि वे वेश्याओं से विवाह करने को तैयार हैं। यह फैसला उन्होंने भावना में बहकर नहीं लिया है बल्कि काफी सोच विचार कर लिया है और अपने माता पिता से भी इस बारे में राय ली है। इसके पीछे उनका मकसद उन महिलाओं को जिंदगी के इस दलदल से बाहर निकालना है ताकि वे एक सम्मान की जिंदगी जी सकें। इन युवकों से जब पूछा गया कि क्या वे वेश्याओं की जीवन शैली से वाकिफ हैं तो उनका कहना था कि जो भी हो, हम हर स्थिति का सामना करने को तैयार हैं। योजना के अनुसार वेश्यावृत्ति छोड़ने वाली लड़कियों व महिलाओं का पहले इलाज कराया जाएगा। उन्हें एचआईवी मुक्त कराया जाएगा। जो युवक इस कार्य में आगे आए हैं, उन्हें भक्त योद्धा का खिताब दिया गया है।
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जमीन छिनी तो भड़की आग
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शहर में सैकड़ों एकड़ जमीन वाली दयालबाग सत्संग सभा और चार गांव (सिकंदरपुर, लालगढ़ी, बहादुरपुर और नगला तल्फी) के किसानों के बीच विवाद तो सालों पुराना है, लेकिन असली जंग अक्टूबर 2005 में शुरू हुई। उस समय बहादुरपुर (ख्वासपुर) में गरीब किसानों के पट्टे छिनवाकर सत्संग सभा ने तीस बीघा जमीन पर प्रशासन के सहयोग से कब्जा कर लिया। उस दौरान फायरिंग और जबरदस्त मारपीट हुई, जिसका मुकदमा सत्संग सभा के दर्जनभर पदाधिकारियों के खिलाफ दर्ज हुआ। झगड़े में घायल एक ग्रामीण निरोती की कुछ दिनों बाद मौत हो गई थी। इसके बाद सत्संग सभा ने लालगढ़ी में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए सात एकड़ जमीन दी, जिसके बदले उन्हें पांच क्यूसेक पानी सिंचाई के लिए मिलना है। इस परियोजना के लिए लालगढ़ी का पानी रोका गया और लगभग एक साल पहले नए संघर्ष की इबारत शुरू हुई। तबसे अब तक चार बार तकरार हो चुकी है। दो दिन पूर्व आगजनी की पहली घटना हुई, जिसमें कार्रवाई नहीं हुई तो सिकंदरपुर में बवाल हुआ। अस्थाई चौकी होती तो टल जाता बवाल लालगढ़ी में 48 घंटे पहले हुई आगजनी के बाद एसपी सिटी उदय प्रताप ने तत्काल प्रभाव से अस्थाई चौकी की घोषणा की थी, लेकिन कोई पुलिस वाला तैनात नहीं किया। ग्रामीणों का कहना है कि यदि पुलिस तैनात होती तो बवाल टल जाता। अधिकारियों के पास इस बात का कोई जवाब नहीं है।

ये हुए हैं घायल सत्संगी: विमल सूरी, आलोक सत्संगी, देवेन्द्र कुमार, प्रेमसरन वर्मा, अमी पाराशर, प्रेम आनंद, लोकेश, अपार कौड़ा, संजय सत्संगी, समरत सरन, स्वरूप नारायण, कुंदन कुमार, सुरेश वर्मा, श्रवन सिंह, महाराज स्वरूप, नित्यांशू, एस.खुराना, समीर सूरी, विवेक छापर, शब्द खन्ना, डीएन शर्मा, प्रेम सेवक, अभिषेक कुमार, यशदीप शर्मा, गुरुदयाल, ब्रह्म प्रकाश, दूधा राम, सौरभ माथुर, गुरूमौज सरन, सुभिकरन, सुकुमार, हरीप्रसाद, देवेन्द्र कुमार, हीरा सिंह रंधावा, गुरुप्रीत सिंह रंधावा, नवीन देव, राजीव कपूर, मुकुल कुमार, देवेन्द्र, संदीप, प्रदीप सैनी, ब्रज लाल, नीरज, अगम गुप्ता, हरदीप सिंह, ओमप्रकाश, जतिन अरोरा, सुरजन सिंह, गुरसरन। इसके अलावा 25-26 चुटैल। ग्रामीण: सुखमन, संदीप समेत लगभग दो दर्जन

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