गुरुवार, 24 दिसंबर 2009

सचाई-नाकि -सफाई

पहलगाम[जम्मू कश्मीर]। कश्मीर घाटी में मौजूद नौ सौ साल प्राचीन शिव मंदिर के पुजारी मुस्लिम हैं। उल्लेखनीय है कि कश्मीर घाटी का यह ऐसा एकमात्र हिन्दू मंदिर है।





बर्फीले लिडरनदी के किनारे स्थित इस मंदिर में अभी भी घंटियोंकी अवाजसुनाई पडती है। हिन्दू पंडितों द्वारा कश्मीर छोडकर चले जाने के बाद पास के गांव के मोहम्मद अब्दुल्लाहऔर गुलाम हसन ने मामालाकमंदिर का प्रभार संभाला और मंदिर के दरवाजों को बंद नहीं होने दिया। इसलिए मंदिर की घंटियोंके बजने का सिलसिला आज भी जारी है।




गुलाम हसन ने बताया कि हम केवल मंदिर की देखरेख ही नहीं करते बल्कि रोज मंदिर में आरती भी करते हैं।




वे सिर्फ मंदिर में स्थित तीन फुट के शिवलिंगकी सुरक्षा का ही सिर्फ ध्यान नहीं रखते बल्कि अब्दुल्लाहऔर हसन रोजाना यह ख्याल भी रखते हैं कि कोई भी श्रद्धालु मंदिर से प्रसाद लिए बगैर न जाएं। राजा जय सूर्या द्वारा निर्मित इस मंदिर का महत्व एक समय ऐसा था कि कोई भी अमरनाथ यात्री इस मंदिर का दर्शन किए बिना आगे की यात्रा शुरू नहीं करता था।




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