बुधवार, 30 दिसंबर 2009

मीन/Pisces (22 फरवरी - 21 मार्च)


पृथ्वी पर भूमध्य रेखा से 12



डिग्री दक्षिण की ओर से 0 डिग्री तक मीन राशि की स्थिति मानी गई है। इसमें पूर्वा भाद्रपद, उत्तर भाद्रपद और रेवती नक्षत्र पड़ते हैं। यह राशि चक्र की 12 वीं राशि है जिसका अधिपति ग्रह बृहस्पति है। इस राशि को अंग्रेजी में पाइसेज कहते हैं। भारतीय पुराणों के अनुसार मीन को भगवान कश्यप अवतार से सम्बन्धित मानते हैं। इसी कारण इस राशि का प्रभाव समुद्र, जलाशय और पवित्र स्थानों में बहने वाली नदी पर माना जाता है। मीन कालीन सूर्य चैत्र महीने में, यानी 14 मार्च से 13 अप्रैल तक जब ऋतुराज बसंत अपने चरम यौवन पर होता है। मीन राशि का आकाश में स्थिति अकार जलक्रीड़ा में व्यस्त एक मछली के जोड़े जैसा होता है, जिसे कृपा और करूणा का प्रतीक माना गया है। मीन राशि ब्राह्मण जाति का प्रतिनिधित्व करती है। इसका प्राकृतिक दिन बृहस्पति यानी गुरुवार और भाग्यांक 3 है। गौर वर्ण और मध्यम कद की यह राशि शास्त्र चर्चा में अभिरूचि रखती है। इस राशि का कम शिक्षित व्यक्ति भी किसी न किसी तरह के विशिष्ट ज्ञान या शिल्पकला से युक्त होता है।








मीन राशि जल राशि एवं स्त्रीवर्गीय स्वभाव वाली होती है। इसके अलावा यह राशि पुण्यकार्य, तीर्थ स्थान, मातृभूति, संस्कृतिक, अकाउंट्स, टीचिंग, लेखन और पब्लिक सर्विस का भी प्रतिनिधित्व करती है। बौद्धिक व्यवसायों से मीन राशि को लोगों का खूब मन लगता है। इनका जीवन स्वावलम्बी होता है।






इस राशि के उदयकाल में पैदा हुए व्यक्ति दूसरों पर श्रद्धा करने वाले, मेहमानप्रिय, सामाजिक रूढ़ियों का पालन करने वाले, बातचीत में प्रवीण और आर्थिक कामों में शिथिलता दिखानेवाले होते हैं। कुछ लोगों का कद छोटा होता है। कुछ के केश सुन्दर और आकर्षक होते हैं।







मीन जैसे गोल नेत्र इस राशि की महिलाओं की विशेषता होती है। दांत छोटे और शरीर उभरा हुआ होता है। यह जातक चिन्ताओं से हमेशा दूर रहता है और मनोरंजक कामों का सदैव नेतृत्व करने की अभिलाषा वाला भी होता है। लेकिन कुछ जातक दैनिक क्रियाओं में पिछडे हुए होते हैं। उच्च शिक्षा से इनको लाभ नहीं हो पाता है, लेकिन विशेष रूप से अध्ययन में रुचि रखने वाले व्यक्ति दूर दूर तक ख्याति अर्जित करते हैं। पारिवारिक जीवन उत्तम होता है। बड़े परिवार में रहने वाले ये लोग बेटी को संतान के रूप में प्राप्त करते हैं।







जीवन के विविध रचनात्मक कामों में लगे मीन राशि वालों के लिए भाग्योदय कारक वर्ष 12, 21, 30, 39, 48 और 57 हैं। इन सालों में प्रमोशन, भार मुक्ति या कोई महत्वपूर्ण सुखद घटना हो सकती है। आज के समय में ज्ञान-विज्ञान और टीचिंग, ट्रेनिंग या फिर लेखन-पत्रकारिता से जुड़े हुए लोग देश-विदेश में फैले हुए हैं। आर्थिक पक्ष से सुदृढ़, जमीन-जायदाद और सम्पदा से युक्त इन लोगों का गृहस्थ जीवन भी सामान्य होता है। पुखराज इनको भाग्यशाली बनाता है।







कैसा रहेगा यह वर्ष 2010








आपकी राशि का स्वामी बृहस्पति वर्ष की शुरुआत में द्वादश और अप्रैल महीने से आपकी स्वराशि में विचरण करेगा। साल की शुरुआत में सूर्य दशम भाव से विचरण करेगा। इसलिए साल का पहला और दूसरा महीना आपके लिए करियर में तरक्की या बदलाव के संकेत दे रहा है। सूर्य के अच्छे गोचर के प्रभाव से आपकी यश और कीर्ति चारों ओर फैल जाएगी। आपकी सेवाओं का मूल्यांकन कद्र करने वालों के बीच बहुत ही उच्च स्तर पर किया जाएगा।






बृहस्पति का समूचा गोचर सितम्बर तक जहां बढ़त की ओर रहेगा, वहीं सितम्बर के बाद पारिवारिक स्तर पर उपलब्धियां विशेष होंगी। घर के सदस्यों का भाग्योदय होगा या किसी शुभ मांगलिक कार्य की योजना साल के अन्त तक आपके जिम्मे लगेगी। पूरे साल बृहस्पति का गोचर युवाओं और स्टूडेंट्स के लिए भी अपनी श्रेष्ठता को साबित करने में मदद देगा। जीवन साथी की तलाश भी पूरी हो जाएगी। प्रौढ़ लोग भी इस साल अपने स्वास्थ्य में सुधार पाएंगे और उनकी सलाह और सेवाओं या धार्मिक या अध्यात्मिक प्रवृति का अधिग्रहण कर लिया है। उनके लिए साल का मध्य भाग विशेष रूप से उल्लेखनीय और सम्मानदायक सिद्ध होगा। वैसे भी बौद्धिक ज्ञान और विज्ञान का सामंजस्य करके अपने कार्य क्षेत्र को चुस्त दुरूस्त रखना यह राशि बहुत अच्छी तरह जानती है।






सुरक्षा और विश्वास का भाव जागृत करने में मीन राशि को अक्टूबर से दिसम्बर 2010 का वक्त बहुत ही फलेगा। जिस तरह के भी कार्यक्षेत्र से जुड़े होंगे, वहीं उनकी तरक्की होगी।






शनि का गोचर समूचे साल सप्तम भाव में रहेगा। वहां उसकी दृष्टि आपके भाग्य और सुखभाव पर रहेगी। आपके लाभ स्थान पर शनि की दृष्टि रहेगी। हो सकता है कुछ प्रॉपर्टी की खरीद के लिए कर्ज लेना पड़े। सन्तान पक्ष से भी उनको भारी खर्च करने की जिम्मेदारी आ सकती है। लेकिन अपने लक्ष्य से विचलित हुए बिना ही सभी प्रकार के लोभ लालच से बचने की चेतावनी भी शनि का गोचर दे रहा है। यही सलाह दी जाती है कि नैतिकता के दर्जे को गिराएंगे तो कुछ अलग तरह की चर्चाओं का पात्र भी बनना पड़ सकता है क्योंकि यह पाप ग्रह राहु की साजिश होगी। राहु के दुष्प्रभाव के कारण शारीरिक कष्ट और व्यर्थ के झगड़े भी बढ़ सकते हैं।







महिलाओं के लिए वर्ष का पहला हिस्सा अनुकूल रहेगा। राहु-केतु के गोचर और शनि के गोचर की यह प्रतिक्रिया भी हो सकती है कि आप अपने करियर को लेकर असन्तोष प्रकट करें। लेकिन समय का विचार करते हुए जहां तक हो सके धैर्य और सन्तुलन का परिचय दें। हो सकता है साल के अन्त में आपको इस धैर्य का पुरस्कार मिल जाए।







महीनेवार भविष्य फल







जनवरीः इस महीने का पहला हिस्सा व्यक्तिगत जीवन या कार्यक्षेत्र के विवादों को सुलझाने में बीतेगा। सहयोगी और मित्रों के काम और निष्ठा के प्रति शिकायत रहेगी। लापरवाही और अति विश्वास के कारण भी किसी प्रकार की हानि से आर्थिक कष्ट अनुभव करेंगे। सरकारी सर्विस से जुड़े हुए लोग उच्चाधिकारियों से विवाद बढ़ जाने के कारण चिंतित रहेंगे। महीने के दूसरे हिस्से में कार्यक्षेत्र और पराक्रम वृद्धि धीरे-धीरे सहायक होने लगेगी। विशेष प्रकार के कार्यभारों को निपटाने में सक्रियता रहेगी। घर-परिवार के बीच चिंता और अशांति का वातावरण छंट जाएगा।







फरवरीः इस महीने का पहला हिस्सा अन्न, वस्त्र और उपहार आदि के संग्रह के लिए अनुकूल रहेगा। किसी शारीरिक कष्ट से छुटकारा मिलेगा। प्रभावशाली मित्रों और राज्याधिकारियों की विशेष कृपा होगी। सहयोगी और जूनियर्स के सहयोग से बड़ी योजनाओं का प्रसार होगा। आपकी लीडरशिप और मैनेजमेंट के अच्छे नतीजे सामने आएंगे। दूसरे हिस्से में व्यापार, साझेदारी या घरेलू जीवन में मन-मुटाव उभरकर आएंगे। किसी नए विवाद की उत्पत्ति होगी। कुछ लोगों की नजर में आप खटकने लगेंगे। लगातार समस्याओं के कारण आत्मबल और व्यक्तित्व कमजोर पड़ने लगेगा। किसी चोर उचक्के का भी भय रहेगा। यात्रा आदि में संकट के बावजूद कुछ मनोंरजन और स्थान परिवर्तन अनुकूल सिद्ध होगा।







मार्चः इस महीने के पहले हिस्से में घर परिवार के खर्च बढ़ते दिखाई देंगे। अनेक प्रकार की छोटी मोटी समस्याओं में खर्च बढ़ेगा। मशीन या उपकरण आदि से चोट का भय रहेगा। कामकाज में भी कुछ गिरावट आ सकती है। अलाभकारी कामों में समय नष्ट होगा। व्यवस्था को सुचारू बनाने में विशेष परिश्रम करना होगा। महीने के दूसरे हिस्से में कुछ अनुचित हो जाने की आशंका रहेगी। काम के मामले में विरोधियों का सामना करना पड़ेगा। ज्यादा दौड़-भाग के कारण शरीर में पीड़ा होगी। साथ ही अपच और पेट की तकलीफ भी हो सकती है।



अप्रैलः इस महीने के पहले हिस्से में आर्थिक मामलों से जुड़े कानूनी फैसले आपके हक में होंगे। संतान और दोस्तों की सहायता से किसी शुभ कार्य का सम्पादन हो पाएगा। मानसिक और बौद्धिक क्षमता में वृद्धि होगी। अर्थव्यवस्था के स्तम्भ मजबूत होंगे। जीवन में कुछेक मामलों को छोडकर संतोषजनक स्थिति रहेगी। महीने के दूसरे हिस्से में धार्मिक कामों के समय और धन खर्च होगा। किसी बुजुर्ग या महात्मा के साथ का लाभ होगा।







मईः इस महीने का पहला हिस्सा नौकरी और व्यापार की प्रक्रिया में असन्तुलन पैदा करेगा। छोटी-मोटी व्यवस्थाएं जल्द बिगड़ने लगेंगी। कुछ लोगों से भरोसा टूटेगा। आस्था और विश्वास के मामले में कोई भारी आघात भी सहन करना पड़ेगा। महीने के दूसरे हिस्से में दोस्तों-रिश्तोदारों में मेल-मुलाकात बढ़ेगा। सभा-समारोह में आपकी तारीफ होगी। व्यापारिक कामों में मन लगा रहेगा।







जूनः इस महीने के पहले हिस्से में आपके विचार और कार्यक्रम अचानक बदल सकते हैं। बिना कारण झूठा आरोप या अपमान लांछन का भय रहेगा। किसी अवांछित व्यक्ति का आचरण पसन्द नहीं आएगा। शुभचिंतकों और दोस्तों का विरोध सहन करना पड़ेगा। अत्यधिक उदारता और संकीर्णता के बीच द्वन्द्व पैदा हो सकता है। महीने के पिछले हिस्से में अप्रिय स्थितियां टलती हुई नजर आएंगी। दूसरों के दुख में भागीदारी होगी। किसी संकटग्रस्त सगे संबंधी की सहायता करने का मौका मिलेगा।







जुलाईः इस महीने का पहला हिस्सा सभी प्रकार के सुधारों के बावजूद खान-पान की व्यवस्था में बाधा पैदा कर सकता है। महत्वपूर्ण वस्तु लापता हो जाएगी। यात्रा और आवागमन में असुविधा रहेगी। छोटे-मोटे कामों के लिए भी पर्याप्त धन खर्च करने की नौबत आएगी। महीने का उत्तरार्ध धन-लाभ में रुकावट पैदा करेगा। आजीविका और नौकरी में ट्रांसफर या प्रॉडक्शन घटने से नुकसान होगा। मंदी आने से घाटा सहन करना पड़ेगा। कोई जूनियर भी कुछ नुकसान करके गायब हो जाएगा।







अगस्तः इस महीने का पहला हिस्सा भी भौतिक जीवन की समस्याओं से घिरा रहेगा। व्यापारियों को सट्टेबाजी से हानि हो सकती है। अधिक कमाने की इच्छा से धन जोखिम में पड़ सकता है। इस महीने के दूसरे हिस्से में कामकाज के वातावरण में परिवर्तन की अपेक्षा रहेगी। घर और बाहर के बदले हुए परिवेश में कुछ राहत मिलेगी तो कुछ असुविधाएं भी झेलनी होंगी। शरीर पर बदले मौसम का प्रभाव पड़ेगा।







सितम्बरः इस महीने के पहले हिस्से में जीवन में सुधारपूर्ण बदलाव हो जाने की आशा रहेगी। जटिल कामों से छुटकारा मिलेगा। राशि से सप्तम भाव पर चल रहा सूर्य अगले 10-15 दिनों तक दौड़ भाग और यात्रा आदि के झंझट बनाए रखेगा, लेकिन बाद में इन यात्राओं का अच्छा नतीजा निकलेगा। महीने के दूसरे हिस्से में सुख समृद्धि के नए रास्ते खुलेंगे। घर में धन, अधिकार और प्रशासन से जुड़े सदस्यों के भाग्योदय होंगे। चल-अचल प्रॉपर्टी बढ़ेगी।







अक्टूबरः इस महीने के पहले हिस्से में सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्रों से जुड़े लोगों के बीच आवागमन होगा। यदि आप सरकारी नौकरी में हैं तो आपको सामूहिक लाभ या सैलरी में बढ़ोतरी होगी। स्वास्थ्य की दृष्टि से भी यह महीना बेहतर रहेगा। महीने का दूसरा हिस्सा शुरुआती दौर में कुछ परिवर्तन लाएगा। कामकाज में फेर बदल की आशंका रहेगी। नए काम करने के लिए पाराक्रम और उत्साह की कमी के साथ-साथ आर्थिक कमजोरी का भी अहसास होगा।







नवम्बरः इस महीने का पहला हिस्सा अनेक प्रकार के आर्थिक शुभ फलों से युक्त है। राजकीय पक्ष से सहायता और आश्वासन मिलेंगे। सज्जनों और उच्चाधिकारियों से भी मेल मुलाकात बढ़ेगा। संतान और दोस्तों के जरिए धन लाभ और सम्मान की आशा रहेगी। आपके बढ़ते वैभव और पराक्रम को देखकर लोग ईर्ष्या करेंगे। महीने के पिछले हिस्से में व्यवहार में परिवर्तन आएगा। शारीरिक और मानसिक कष्ट बढ़ जाएंगे। घरेलू जीवन के विवाद की समस्याएं और यात्रा में परेशानी अनुभव करेंगे। किसी जरूरी चीज का अभाव खलने लगेगा।







दिसम्बरः इस महीने के पहले हिस्से में भी सोच-विचार के अनुसार काम नहीं हो पाएंगे। धन की कमी के कारण उच्च स्तर की योजनाओं के कार्यान्वयन में देर होगी। उद्योग व्यापार से जुड़े लोग किसी नई समस्या के खड़े हो जाने से घबराहट महसूस करेंगे। जनता और राजनीति के बीच में कई सनसनीखेज मामले पैदा होंगे। महीने के आखिर में भ्रम और आशंकाएं सही साबित होंगी। खर्च के कई रास्ते नजर आएंगे। किसी मामले में आपको आर्थिक नुकसान झेलना पड़ सकता है। इस दौरान अनेक लोगों को अपनी या परिवारजनों के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी।
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