मंगलवार, 29 दिसंबर 2009

सिंह/Leo(22 जुलाई- 21 अगस्त )




भूमध्य रेखा से उत्तर



विषुवतीय रेखा की ओर 20 डिग्री से 32 डिग्री तक इस राशि की स्थिति मानी गई है। मघा पूर्वफाल्गुनी और उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र इस राशि क्षेत्र में पडते हैं। रात के वक्त इस राशि के तारों का समूह हुबहू एक शेर की भांति नजर आता है। अंग्रेजी में इसे लियो कहते हैं। सिंह राशि का प्रचण्ड सूर्य भाद्रपद महीने में अपना प्रभाव दिखाता है जिसकी भयावहता की तुलना सिंह यानी शेर से की जाती है। सूर्य इस दौरान पृथ्वी के अत्यन्त निकट होता है। सिंह कालीन सूर्य फसलों में परिपक्वता लाने के लिए और किसानों के खेत खलिहानों से उनके पशु समुदाय के चारे का प्रयोजन सिद्ध करता है। मुख्यतः सिंह राशि स्वतंत्रता प्रेमी, कुल में प्रधान, अधिकार प्रिय, प्रतापी और उदार गुणों से भरपूर, आत्मविश्वास से भरपूर और सर्वभक्षी होते हैं। सरकारी सर्विस और अपने क्षेत्र की राज्य संचालन या राजनीतिक गतिविधि को सक्रिय करना इनका स्वभाव है।






इस राशि का अधिपति सूर्य वार रवि और भाग्यांक 1 व 4 हैं। इसके अंग स्थान उदर, आंतें, पीठ, जिगर, गुर्दा और दिल हैं। विद्वता और भाषा ज्ञान इनका प्राकृतिक गुण है। रक्षा कामों और खर्चीली मनोरंजन व्यवस्थाओं से भी इस राशि का सम्बन्ध है। मुख्यतः इस राशि को अधिकारप्रियता, चाटुकारिता और ख्याति की चाह खूब रहती है। विवेक, तर्क और लोकप्रियता की चोटी तक पहुंचने में सक्षम और अभिजात्य वर्ग से सम्बन्ध रखने वाली यह बहादुर, एकाकी और सर्वगुण सम्पन्न राशि है।






इस राशि में पैदा हुए ज्यादातर लोग पुष्ट शरीर के, मध्यम आकृति के बलिष्ठ, क्रोधी, निर्भय, पराक्रमी, क्षमाशील और प्रेरणादायक व्यक्तित्व के होते हैं। राजनीतिक और सामाजिक व्यवस्थाओं से इनका गहरा सम्बन्ध रहता है। प्रशासनिक अधिकारों को पूरा करने में समर्थ होते हैं। अधिकतर जातक राजनीतिक प्रबन्ध व्यवस्था या स्वच्छंद जीवन बिताना ही श्रेष्ठ समझते हैं। फिर भी इनके पास पैतृक सम्पत्ति और राज्य सेवा धन का स्रोत बना रहता है। बोलचाल में कुशल और रौबदाब से काम निकालने में भी सिंह जातक माहिर माने जाते हैं। इनमें दार्शनिकता और आडंबर की भावना भी होती है। व्यवहार से उदारचित्त, रईसमिजाज और अपने दुश्मन के प्रति हमेशा कठोरता का रुख अपनाने वाले होते हैं। इनका क्रोध चिरस्थाई होता है।







सिंह राशि ज्यादातर दो शादियां करते हैं या फिर दो स्त्रियों से सम्पर्क में रहते हैं। इन्हें एक बेटा होता है। भूख और प्यास को यह ज्यादा देर तक सहन नहीं कर सकते हैं। वैसे ये अल्पाहारी, स्त्री प्रेमी, वन पर्यावरण और जीव जन्तुओं के संरक्षक, लेखक क्लर्क, अधिकारी, प्रशासक, भाषा शास्त्री, अध्यापक, कलाकार, नाटककार, मैनेजर, सैनिक अधिकारी, मंत्री और वास्तुकार या गृहसज्जाकार भी होते हैं। लेकिन सरकारी सर्विस ही इन्हें रूचिकर प्रतीत होती है। व्यावहारिक दृष्टि से ज्यादातर सिंह राशिवाले स्वभाव से घमंडी, अक्खड़, हठी, अपनी समस्याओं पर अडिग रहने वाले, आवेश या क्रोध में आकर मित्रों को त्याग देने वाले भी होते हैं। दूसरों पर आक्रमण करना इन्हें वैसे तो अच्छा नहीं लगता है, लेकिन बदला लेने की भावना भी इनके अन्दर होती है।






हमेशा चलते फिरते वक्त सतर्क संयत रहना भी इनका प्रधान गुण है। शरीर से निरोग लेकिन उत्तेजना की अवस्था में काम करना या शारीरिक श्रम करना इन्हें हितकर नहीं होता है। इन जातकों के भाग्योदयकारी वर्ष 19 , 22 , 28 , 31 , 40 और 46 हैं।







कैसा रहेगा वर्ष 2010






सिंह राशि का स्वामी सूर्य आगामी 14 जनवरी 2010 तक पंचम भाव से विचरण करेगा। ऐसी स्थिति में यही कहा जा सकता है कि साल की शुरुआत कुछ बडे प्लान और योजनओं से होगी जिन पर अमलीजामा पहनाने में अभी देर लग सकती है। जनवरी के दूसरे हिस्से में छठा सूर्य इस राशि के लिए वरदान साबित होगा और आगामी एक महीने तक सबकुछ बड़ी चुस्ती-फुर्ती से तयशुदा प्रोग्राम के मुताबिक अमल में भी आएगा।






सिंह राशि की डिमांड अधिकार और पद को लेकर रहती है। इसलिए इस साल उनको वह सब कुछ मिलने में कुछ अड़चनों का सामना भी करना होगा। यदि समय ने साथ दिया तो मार्च और अप्रैल के महीने उनके सपनों को साकार कर सकते हैं। जो लोग कारोबार के बदलते मूड से परेशान हैं, उनके लिए अप्रैल तक कई तरह की राहत और उत्साह की घटनाएं सामने आएंगी। जो महानुभाव आजीविका में तरक्की की उम्मीद रखते हैं, उनके लिए यह वक्त कुछ प्राप्त कर लेने का होगा। मई से जून तक सब कुछ तय हो जाएगा कि पूरे साल में उनको क्या-क्या कदम उठाने हैं। जहां एक ओर उनके सामने अपने धन को मैनेज करने की चुनौती होगी, वहीं अपने ही परिवेश में कुछ अंदरूनी खामियां भी नजर आएंगी।






कोई प्रतिकारी दुश्मन उनका सिरदर्द बन सकता है, जिसे फिलहाल वे पहचान नहीं पा रहे हैं। दूसरा शनि उनको एक बार कोर्ट कचहरी से लेकर अस्पताल तक भी ले जा सकता है। यदि कोई प्रौढ़ या बुजुर्ग अपनी सेहत प्रति लापरवाह रहेगा या अपने कारोबार को दूसरों को सौंप कर आराम की तफरीह करेगा तो निश्चित है कि आने वाले समय में उसे धनमान और अपनी शान-ओ-शौकत से बेदखल भी होना पड़ सकता है। जमीन-जायदाद और बिगड़े स्वास्थ्य की घटनाएं सब कुछ शनि की बेरहम साढ़ेसाती के चपेट में आ सकती हैं।


इस साल सप्तम बृहस्पति ही मात्र कुछ राहत और उम्मीद दे रहा है। कोई न कोई दोस्त, रिश्तेदार या बेटा या बेटी उनके डूबते जहाज को पार उतार सकते हैं। ऐसी स्थिति के लिए जून से अगस्त तक का महीना बहुत ही सावधान और सतर्क रहने का ही परिणाम हो सकता है। सिंह राशि हमेशा शासन और सत्ता की मित्र रही है और जो काम कहीं से नहीं निकल सकता है उसको वह अपने तेज तर्रार व्यक्तित्व के जरिए और सही समय अप्रोच करके निकाल सकती है।






अगर कोई कारोबारी अड़चन इस साल के पहले हिस्से में आ रही है तो उसके लिए सितंबर के बाद का समय भी बहुत अच्छा ही साबित होगा क्योंकि सितंबर के आखिर तक बृहस्पति अष्टम भाव में विचरण करेगा। वहां से उसकी दृष्टि जहां आपके व्यय भाव पर होगी वहां आपका धनभाव भी मजबूत होगा। ऐसे समय में कड़ी प्रतियोगिता झेल रहा कारोबार या टूट रही साझेदारी अथवा बेदखल हुई जायदाद आपके हाथ में आ सकती है। बस इच्छा, बल और तरकीब की ही जरूरत है।







महिलाओं के लिए यह साल कुछ मायूसी का ही है। इनकम से ज्यादा खर्च और परिवार की विघटनकारी स्थिति उनके लिए समस्या होगी।











महीनेवार भविष्य







जनवरीः इस महीने का पहला हिस्सा काफी खर्च लेकर आएगा। शरीर में अचानक विकार या रोग पैदा हो सकते हैं। घर में मेहमान आदि के स्वागत में भी आडम्बरपूर्ण खर्च संभव है। आजीविका आदि में सहयोगियों के साथ तनाव और सीनियर अधिकारियों के बीच बहसबाजी से मान प्रतिष्ठा घट सकती है। इस महीने के दूसरे हिस्से में जब सूर्य आपकी छठी राशि पर संचार करेगा तो लोग आपके वक्तव्य को सत्य वचन कहकर स्वीकार कर लेंगे।







फरवरीः यह महीना आपके व्यापार और आर्थिक प्रभाव को बढ़ाने वाला सिद्ध होगा, लेकिन महीने का पहला हिस्सा जनवरी में पैदा हुए झंझटों और वित्तीय विवादों को सुलझाने में बीतेगा। किसी खास आर्थिक प्रसंग के कारण घर परिवार के सदस्यों के बीच गलतफहमियां पैदा हो सकती हैं। दाम्पत्य जीवन में अकारण विवाद या तनाव होगा। महीने के पिछले हिस्से में आर्थिक परेशानियों और कर्ज से मुक्ति मिलेगी।







मार्चः इस महीने का पहला हिस्सा अनेक प्रकार की व्यापारिक और आर्थिक व्यवस्थाओं और कामकाज के सुधार में बीतेगा। बौद्धिक स्तर के महानुभाव अपने लेखन, रिसर्च और सलाह मशविरे के जरिए अस्थायी धन लाभ कमाएंगे। युवा वर्ग के जातक दौड़-भाग और कार्यनिष्ठा से अपनी जिम्मेदारियां सफलतापूर्वक निभाने में सक्षम होंगे। किसी लम्बी योजना में वह धन का निवेश करेंगे या पहले से किए गए निवेश का फायदा मिलेगा।







अप्रैलः इस महीने का पहला हिस्सा आपके आर्थिक क्षेत्र में लाभदायक और उत्साहजनक काम में रमाए रखेगा। अनेक जातक कुछ नया काम करने की योजना बनाएंगे तो कुछ जातक अपने कार्य में नयापन लाने की कोशिश करेंगे। घर-परिवार में धन प्राप्ति से सुख संतोष रहेगा। निकट संबंधी और बुजुर्ग लोग आपकी सेवा और कार्यपद्धति की प्रशंसा करेंगे। इस दौरान व्यापारी वर्ग में कुछ लोग परेशान रह सकते हैं।







मईः इस महीने का पहला हिस्सा घर के सुख में कमी करेगा। यात्रा या गाड़ी आदि में रुकावट की वजह से महत्वपूर्ण कामों में देरी की संभावना रहेगी। करीबियों के कारण या घरेलू झगड़ों के चलते धन की कमी महसूस होगी। इस महीने के तीसरे हफ्ते से जब सूर्य दशम भाव में प्रवेश करेगा, तो शनि की वेधग्रस्त स्थिति के कारण अशुभ फलों में कमी आएगी। लेकिन अच्छे काम रूके रहेंगे। स्वयं अथवा संतान की तरफ चिन्ता बढ़ेगी।







जूनः इस महीने की आर्थिक शुरुआत भी कुछ प्रतिकूल और अलाभकारी सिद्ध होगी। आपकी बातों से विरोधी उत्तेजित होंगे। पारिवारिक खर्च में बढ़ोतरी होगी। दैनिक जीवन में अच्छे खान-पान की कमी या सुख साधनों के बिगड़ जाने से लेन देन में बाधा आएगी। लेकिन महीने के दूसरे हिस्से में अच्छा वक्त आएगा। अचानक ही सभी बिगड़े हुए काम बनते नजर आएंगे। दुश्मन और रोग शान्त रहेंगे। किसी आर्थिक समस्या का अचानक हल निकलेगा।







जुलाईः इस महीने का पहला हिस्सा पिछले घटनाचक्र के अनुसार कारोबार में फलदायक सिद्ध होगा। घर में पुरानी चीजों की जगह नए उपकरण और भोग विलास आदि सामग्री आएगी। जीवन स्तर में सुधार होगा और हाथ में पर्याप्त धन होने से नए कपड़ों आदि की इच्छाएं पूरी होंगी।







अगस्तः इस महीने में घरेलू या आस-पड़ोस के लोगों के बीच भेदभाव पैदा होने से मन में विकार जाग सकते हैं। किसी से शारीरिक रूप से प्रतिशोध लेना आपके पक्ष में नए विवाद को जन्म दे सकता है। सरकारी सर्विस में लगे लोग अपने सहयोगियों या उच्चाधिकारियों से न उलझें, नहीं तो किसी स्थायी या अस्थायी लाभ से वंचित रहने की आशंका पैदा हो सकती है। महीने के उत्तरार्ध में सूर्य आपकी राशि में विचरण करेगा। तब अपच, अजीर्ण, खांसी-जुकाम की शिकायत हो सकती है, इसलिए इलाज पर खर्च बढ़ेगा।



सितम्बरः पिछले महीने का अशुद्ध गोचर इस महीने की शुरुआत में भी परेशान करेगा। शरीर में थकान होगी। आलस्य और प्रमाद के कारण महत्वपूर्ण काम को टालने की प्रवृत्ति बनेगी, लिहाजा कुछ लोग नियमों का उल्लंघन करने के दोषी या किसी लापरवाही का दंड करने में धनहानि का शिकार होंगे। लेकिन महीने के उत्तरार्ध में हालात में सुधार आने लगेगा। चेहरे पर कांति एवं प्रसन्नता लौट आएगी।







अक्टूबरः इस महीने की शुरुआत शुभ आर्थिक कामों के आयोजन या यात्रा से होगी। तीसरे हफ्ते से पराक्रम भाव का सूर्य सामाजिक और राजीनतिक स्तर पर आपको चर्चित करेगा। उपयोगी और शक्तिशाली उच्चाधिकारियों की कृपा बनी रहेगी। आपके द्वारा किए गए कामों का मूल्यांकन आनेवाले समय में लाभप्रद होगा। इस महीने के आखिर तक व्यापार या लाभप्रद कामों में व्यवधान पैदा हो सकता है। संतान पक्ष या घर में छोटों की चिन्ता रहेगी।







नवम्बरः यह महीना विशेष आर्थिक लाभ की प्रत्याशा में बीतेगा। रचनात्मक कामों का सुपरिणाम जल्दी मिलने की आशा रहेगी। जिम्मेदारी पूरी होगी और किसी विशेष अभियान में आपकी कार्यक्षमता का उपयोग किया जाएगा। इस महीने के दौरान आपके विरोधी और प्रतिस्पर्धी आहत हो सकते हैं। शुक्र पराक्रम भाव में प्रवेश करेगा और बारंबार लाभ होगा। पिछले कर्ज या देनदारियां चुकता हो जाएंगी। आर्थिक पक्ष उज्जवल रहेगा।







दिसम्बरः यह महीना आपके लिए विशेष आर्थिक लाभ की प्राप्ति में सहायक होगा। दूसरे के हाथों में गया धन लौटेगा। आकस्मिक लाभ और प्रमोशन के अवसर आएंगे। बिजनस से जुड़े महानुभाव नई चीजों के लेन देन में लाभान्वित होंगे। इस महीने के पहले हिस्से में मंगल ग्रह जोखिम भरे कामों से तत्काल लाभ देगा। मांगलिक कामों में सफलता मिलेगी।
=======================================================================
 

 
========================================================================

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें